अध्याय 4: रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना
कक्षा 11 के रसायन विज्ञान के नोट्स अध्याय 4 में निम्न टॉपिक्स दिए गये है :
लुइस प्रतीक, अष्टक नियम, अष्टक नियम की सीमाएँ ( केन्द्रिय परमाणु का अपुर्ण अष्टक, अष्टक के प्रसार वाले यौगिक, संक्रमण धातु आयन, विषम इलेक्ट्रॉन अणु, अष्टक नियम की कुछ अन्य कमियाँ), आयनिक या विद्युत संयोजक बन्ध, आयनिक बंध निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक , आयनन एन्थैल्पी (ionization enthalpy), इलेक्ट्रॉन ग्रहण एन्थैल्पी (Electron gain enthalpy),जालक ऊर्जा या एन्थैल्पी (Lattice energy or enthalpy), आयनिक यौगिकों के सामान्य अभिलक्षण, विलेयता, विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक, जालक एन्थैल्पी, सहसंयोजक बन्ध, एकल आबंध , त्रि आबंध, औपचारिक आवेश, सहसंयोजक यौगिकों के सामान्य लक्षण, उपसहसंयोजक बन्ध (Coordinate Bond),आबंध प्रांचाल(Bond Parameters),प्रभावित करने वाले कारक ( परमाणु का आकार, बन्धो की संख्या, अवस्था (Hybridisation state), अनुनाद (Resonance), आबन्ध कोण , आबन्ध एन्थैल्पी (Bond Enthalpy),आबंध कोटि (Bond Order), आबंध ध्रुवणता (Bond Polarity), द्विध्रुव आघूर्ण के अनुप्रयोग( % आयनिक गुण ज्ञात करना, किसी अणु की ज्यामिती ज्ञात करना) , फायान्स नियम (Fajan’s Rule), धनायन का आकार, ऋणायन का आकार, आयनों पर आवेश, आयनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धान्त (VSEPR Theory), NH3 अणु, जल अणु , संयोजकता आबन्ध सिद्धांत (Valence Based Theory), न्यूनतम ऊर्जा अवधारणा, हाइड्रोजन के अणु का बनना, हीलियम अणु (He2) का बनना असम्भव है, कक्षक अतिव्यापन अवधारणा, अतिव्यापन के प्रकार तथा सहसंयोजी आबंध की प्रकृति, सिग्मा (𝛔) आबंध, पाई (𝛑 आबंध) (p-p संपार्श्विक अतिव्यापन), सिग्मा और पाई आबंधो में तुलना, संकरण, संकरण की आवश्यक परिस्थितियाँ, लक्षण एवं नियम, संकरण के प्रकार, sp संकरन, sp2 संकरण, sp3 संकरण, sp3d संकरण, sp3d2 संकरण, आण्विक कक्षीय धारणा (MOT), तरंग फलनों का योग, तरंग फलनों का घटाव, परमाणु कक्षक तथा अणु कक्षक में अंतर, BMO तथा ABMO में अंतर, अणु कक्षको की आकृति , अणु कक्षक, कुछ अणुओं अथवा आयनों के लिए ऊर्जा स्तर आरेख, हाइड्रोजन बन्ध, भौतिक गुणों पर हाइड्रोजन बन्ध का प्रभाव |